Sunday, September 21, 2008

कोई ज़रूरी तो नही....

हर ग़म को अपने गले लगाना कोई ज़रूरी तो नही,

आँखों से आंसू पल पल गिराना कोई ज़रूरी तो नही,

दर्द हजारों रह सकते हैं इस दिल की आहों मे छुप कर,

चेहरे पे उनकी नुमाइश लगाना कोई ज़रूरी तो नही,

अपनी इबादतों पे यकीं करता हूँ मैं बस इतनी ख़बर है,

खुदा का मुझ पर मेहर लुटाना कोई ज़रूरी तो नही,

अपनी मंजिल का तो पता पूछ ही लूँगा अंधियारे से,

धुप का मेरी राह चमकाना कोई ज़रूरी तो नही,

वक़्त सहला के कर देता है सारे ज़ख्मों का इलाज,

बातों का उनपे मरहम लगाना कोई ज़रूरी तो नही,

हकीकतों की ज़मीं पे गहरी नींद सो लेता हूँ मैं ,

ख्वाबों की इसपे चादर बिछाना कोई ज़रूरी तो नही,

उम्र के इस मुकाम पे जो खुदगर्ज़ हो चले हैं,

उन रिश्तों का बोझ उठाना कोई ज़रूरी तो नही,

5 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया रचना है।

वक्त ख़ुद ही होता है हर ज़ख्म का इलाज,

बातों का उनपे मरहम लगाना कोई ज़रूरी तो नही,

Anwar Qureshi said...

BAHUT KHUB LIKHA HAI BADHAI..

art said...

bahut hi sachhi si lagi....achha to aap yatharthvaad ke kayal hai....vastavikta se jude rahen...yun hi...

Chavi said...

This creation shows ur real soul... heart touching n realistic poem... Keep it up!!!
ALL THE BEST....!!!!

Chavi said...

दर्द हजारों रह सकते हैं इस दिल की आहों मे छुप कर,चेहरे पे उनकी नुमाइश लगाना कोई ज़रूरी तो नही......!!!
the real one... u know this line reminds me a famous song.....
TUM ITNA JO MUSKURA RAHE HO... KYA GHAM HE JISKO CHUPA RAHE HO...???

it varies frm person to person how they express their grief... by their precious smile or by incredible tears... its not always true that a person who always keeps a smiley face doesnt hav any prob in his or her life but it means that, that person has d ability to overcum frm that probs. with a great smile..!!!
thnx for giving us such a nice creation...!!!