१। कब तक यूं ही तन्हा तनहा ख्वाबों मे सैर होगी,
बड़ी दुशवार अब नींद भी तेरे बगैर होगी,
तुम अपने लम्हों को ज़रा मेरे वक्त से आकर जोडो,
तुम साथ होगी तब ही तो इस शब की खैर होगी
२। बड़ी रफ़्तार से वक्त और हालात बदलते हैं,
पल भर में ही लोगो के जज्बात बदलते हैं,
जिन लबों पे नाम मेरा रहता था मुस्तकिल,
मेरा ज़िक्र आते ही अब वह बात बदलते हैं
३। क्यों बेवफाई का सबक मुझको सिखा दिया,
बागियों की फेरहिस्त में मेरा नाम लिखा दिया,
खुश्फहमियों के सराब में जी रहा था में,
क्यों हकीकत का आइना मुझको दिखा दिया