Monday, March 17, 2008

तेरी ऑंखें जादू करती हैं

तेरी ऑंखें जादू करती हैं,
तेरी ऑंखें जादू करती हैं


कुछ मुस्काती ,कुछ रोई सी,

कुछ अलसाती कुछ सोई सी,

कुछ यादों में हैं उलझी सी,

कुछ सपनो मे हैं खोई सी



इनके आगे ही झुक झुक कर ,

तेरी पलकें सजदा करती हैं,



तेरी ऑंखें जादू करती हैं,

तेरी ऑंखें जादू करती हैं



इनमे दिन हैं और रातें हैं,

खामोशी है और बातें हैं,

इनमे हैं जुदाई के लम्हे,

और इनमे ही मुलाकातें हैं,


वक्त भी रुक सा जाता है ,

इक पल ये जहाँ ठहरती हैं,



तेरी ऑंखें जादू करती हैं,

तेरी ऑंखें जादू करती हैं



ये खुशबु को महकाती हैं,

और खुशियों को चहकाती हैं,

हर रात नशीली कर के ये

ख्वाबों को बहकाती हैं,


पलकों के पीछे चुप करके ,

मासूम खताएं करती हैं,


तेरी ऑंखें जादू करती हैं,

तेरी ऑंखें जादू करती हैं















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