तेरी मुस्कानों कि खातिर इतना तो किया जा सकता है,
चहरे से छलकता दर्द तेरा हाथों मे लिया जा सकता है;
बातों के कच्चे धागों से ये ज़ख्म कहाँ भर पायेंगे,
कुछ ज़ख्मों को बस प्यार भरी नज़रों से सिया जा सकता है;
है बात बड़ी शाइस्ता सी , तुम इसको खता मत कह देना,
रुखसार पे बिखरे अश्कों को होठों से पिया जा सकता है;
मसरूफ हूँ अपनी उलझन मे पर इतना भी खुदगर्ज़ नही,
तेरी तन्हाई को इक लम्हा फुरसत का दिया जा सकता है;
अपने ख्वाबों के साथ मेरी आँखों मे बसने आ जाओ,
तुम को शायद मालूम नही ऐसे भी जिया जा सकता है
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4 comments:
this is what one can say roomaniyat in true sense..
very sweet and beautiful creation touching d heart....
मसरूफ हूँ अपनी उलझन मे पर इतना भी खुदगर्ज़ नही,
तेरी तन्हाई को इक लम्हा फुरसत का दिया जा सकता है;
bahut khoob...
shukriya
vah kya baat hai, aapki shaayri padh kar mere dimag mei bhi kuchh line ubhar aayen--
itni shiddat se chaaha na tha hamne,
aankh bhar usko kabhi dekha na tha hamne,
parrrrrrrrr n jaane kun
subak padi theen jab khaamoshiyaan
in bekhauf aankhon mei,
tapkti boondon ko unhi hathelion mei gum hua paaya tha hamne.....
Its one my favorites......amongst ur creations....in fact d best till now....weeuuuuuuu!
no wordsss....
hi, have a very happy birthday, i wish this birthday day would bring lots of happiness and great luck for you....
vibha naik..
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