Sunday, April 8, 2012

मत भेज तू अपनी यादें पिया मैं थक सी गयी हूँ,
झूठे हैं तेरे वादे ........... पिया मैं थक सी गयी हूँ,

बिरहा की इस अग्नि में तप कर,
नाम तेरा सौ बार मै ....जप कर,
भूली अपना .......नाम पता सब,
बैरी मुझको...... यूँ न सता अब,

तू मेरी प्रीत भुला दे ......पिया मैं थक सी गयी हूँ,
मत भेज तू अपनी यादें पिया मैं थक सी गयी हूँ,

उलझी सी ..........तकदीर ये मेरी,
तू भी ना जाने .........पीर ये मेरी,
तू जो है मेरा.........सब से कह दूँ,
तू ही रब है.............रब से कह दूँ,

अब क्या करूँ और इरादे पिया मैं थक सी गयी हूँ,
मत भेज तू अपनी यादें पिया मैं थक सी गयी हूँ,









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